शिवसेना ने पूछा- क्या 'पीके' में लगा है 'आईएसआई' का पैसा?
(दुबई में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की तस्वीर। इसमें पाकिस्तानी मीडिया ग्रुप एआरवाई डिजिटल का बोर्ड भी लगा हुआ है।)
मुंबई। आमिर खान की फिल्म 'पीके'
को लेकर विवाद रुकता नजर नहीं आ रहा है। अब महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ
सत्तारूढ़ शिवसेना ने 'पीके' का लिंक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी 'आईएसआई'
से जोड़ा है। पार्टी के मुख पत्र 'सामना' के एक लेख में शिवसेना ने आरोप
लगाया है कि फिल्म 'पीके' में आईएसआई का पैसा लगा है। फिल्म प्रचार के
दौरान एक पाकिस्तानी मीडिया कंपनी का बोर्ड लगे होने का हवाला देते हुए
शिवसेना ने इस मामले की जांच की मांग की है।
स्वामी के आरोप का समर्थन
'सामना' के इस लेख में लिखा गया है, "पीके और पाकिस्तान की खुफिया
एजेंसी 'आईएसआई' का लिंक खुलकर सामने आ गया है। चंद रोज पहले भाजपा नेता
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि उनकी जानकारी के अनुसार 'पीके'
में आईएसआई का पैसा लगा है।" उन्होंने संबंधित जांच एजेंसियों से इस मामले
की जांच की मांग भी की है।
पाकिस्तानी मीडिया ग्रुप का संबंध 'पीके' से
शिवसेना ने एक पाकिस्तानी मीडिया ग्रुप एआरवाई डिजिटल का बोर्ड पीके की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगे होने पर सवाल उठाते हुए लिखा है, "आखिर एआरवाई के साथ 'पीके' के निर्माता-निर्देशक और आमिर खान का क्या संबंध है? कहीं वाकई एआरवाई ने तो इस फिल्म में पैसा नहीं लगाया? एआरवाई एक पाकिस्तानी कंपनी है, जो पाकिस्तान से लेकर दुबई तक टीवी चैनल और कई तरह के धंधे से जुड़ी है।" यह प्रेस कॉन्फ्रेंस दिसंबर 2014 को दुबई में हुई थी।
शिवसेना ने एक पाकिस्तानी मीडिया ग्रुप एआरवाई डिजिटल का बोर्ड पीके की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगे होने पर सवाल उठाते हुए लिखा है, "आखिर एआरवाई के साथ 'पीके' के निर्माता-निर्देशक और आमिर खान का क्या संबंध है? कहीं वाकई एआरवाई ने तो इस फिल्म में पैसा नहीं लगाया? एआरवाई एक पाकिस्तानी कंपनी है, जो पाकिस्तान से लेकर दुबई तक टीवी चैनल और कई तरह के धंधे से जुड़ी है।" यह प्रेस कॉन्फ्रेंस दिसंबर 2014 को दुबई में हुई थी।
मालिक के संबंध 'आईएसआई' से
शिवसेना ने एआरवाई डिजिटल ग्रुप के मालिक के संबंध तालिबान से होने का
आरोप लगाते हुए लिखा है, "एआरवाई ग्रुप के मालिक अब्दुल रज्जाक याकूब के
करीबी संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी 'आईएसआई' के साथ ही तालिबान से भी
रहे हैं। इसके साथ ही कुख्यात ड्रग्स तस्कर इकबाल मिर्ची का भी वह करीबी
सहयोगी था। हिंदुस्तान की खुफिया एजेंसियों के साथ ही ब्रिटिश सरकार के भी
निशाने पर याकूब था। पिछले साल लंदन में याकूब की मौत हो चुकी है।"
पाकिस्तानी ग्रुप के पैसे बॉलीवुड में लगे होने का आरोप
आगे 'पीके' में एआरवाई ग्रुप का पैसा लगे होने का आरोप लगाते हुए
शिवसेना ने लिखा है,"यह तो पता चल चुका है कि एआरवाई का मालिक याकूब
बॉलीवुड में अपने संबंध बनाकर धंधा करना चाहता था। इसलिए इस बात की पूरी
संभावना है कि उसने किसी तीसरे पार्टी के जरिए घुमा-फिराकर बॉलीवुड में
घुसपैठ कर ली हो। दुबई के प्रेस कॉन्फ्रेंस में एआरवाई का जैसा बोर्ड लगा
है, ऐसे बोर्ड अमूमन प्रायोजक और फाइनेंसर के ही लगा करते हैं।"
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