Thursday, February 16, 2012

मालदीव संकट



हिंद महासागर के स्वग में कट्टरपंथ की आहट

(हिंद महासागर के स्वग के नाम से मशहूर मालदीव इन दिनों अंदरूनी राजनीतिक संकट से जूझ रहा है सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इसलामी कट्टरपंथी लगातार इस देश में मजबूत होते जा रहे हैं)

चार लाख की आबादी वाला देश मालदीव हिंद महासागर में करीब 12 सौ द्वीपों से मिल कर बनने वाला द्वीप समूह है दुनिया भर में अपने प्राकृतिछटा के कारण जाना जाने वाले मालदीव की पहचान मनपसंद पयटन ठिकाने की रही है, लेकिन इन दिनों इस द्वीपीय देश में अशांति फैली है मालदीव में पिछले कइ हफ्तों से विपषा द्वारा वहां के राष्ट­पति मोहम्मद नशीद के खिलाफ विरोध प्रदशन किया जा रहा था पुलिस में भी विद्रोह की सुगबुगाहट दिखाइ दे रही थी आखिरकार हालात की नजाकत को देखते हुए राष्ट­पति मोहम्मद नशीद ने बीते मंगलवार को इस्तीफा दे दिया नशीद जब राष्ट­पति बने थे, तब उन्होंने मालदीव में पूण और वास्तविक प्रजातंत्र लाने का वादा किया था साथ ही उन्होंने जलवायु परिवतन के खतरे और समुद्र के ब़ढते जलस्तर को लेकर बहुत जोरदार आवाज उठायी थी जलवायु परिवतन को लेकर उनकी पहल ने उन्हें दुनियाभर में पहचान दिलायी थी अमेरिका की टाइम पत्रिका ने उन्हें दुनिया को बदलने का विचार रखने वाले नेताओं में शामिल किया था लेकिन देश के हालात नशीद के नियंत्रण से बाहर निकलते गये जिसका कारण बना इस खूबसूरत देश में कट्टरपंथ का फैलता जहर

हालांकि, वतमान विवाद की जड़ बनी शीष न्यायाधीश की गिरफ्तारी नशीद को पिछले एक माह से शीष न्यायाधीश की गिरफ्तारी के मसले पर विपषा के गुस्से का सामना करना पड़ रहा था इस न्यायाधीश पर पूव राष्ट­पति ममून अब्दुल गयूम का समथक होने का आरोप था गौरतलब है कि गयूम ने मालदीव पर तीस वर्षो तक शासन किया था और 2008 में हुए चुनाव में गयूम को हराकर नशीद देश की पहली लोकतांत्रिक सरकार के मुखिया बने थे लेकिन इस मुद्दे पर विपषा के विरोध के कारण एक तरह का संवैधानिक संकट पैदा हो गया नशीद तानाशाह की तरह शासन करने के आरोप से अना बचाव करते रहे हैं

असहाय धमनिरपेषा ताकतें

जानकारों ने मालदीव के मौजूदा हालात को देखते हुए यह आशंका जाहिर की है कि मालदीव का हालिया राजनीतिक संकट और सुरषा बलों में घर कर रही निराशा वहां इसलामी आंदोलन के प्रसार का सबब बन सकता है अधिकांश युवाओं की तरह जिन्हांेने 2008 में मोहम्मद नशीद के राष्ट­पति बनने का इस आशा के साथ स्वागत किया था कि नशीद मालदीव को धमनिरपेषा लोकतंत्र के रास्ते पर ले जायेंगे, वे लोग नव-रू़िढवादी धामिक कट्टरपंथ की लहर के आगे खुद को नि:सहाय पा रहे हैं और सकते में हैं अब जबकि नशीद राष्ट­पति का पद छोड़ चुके हंै, यह धारणा और बलवती होने लगी है कि इस द्वीप पर धामिक कट्टरता का संकट मंडराने लगा है इसका असर पूरे हिंद महासागरीय षोत्र पर पड़ने की आशंका भी जतायी जा रही है जाहिर है भारत भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं रह सकता इस घटनाक्रम के बाद पूरे षोत्र में शक्ति प्रदशन करने की होड़ शुरू हो सकती है

जेहाद की गहरी जड़ें

मालदीव में कट्टरपंथ ने अचानक ही सिर नहीं उठाया है सितंबर 2007 में चीनी, जापानी और ब्रिटिश पयटकों को माले के सुल्तान पाक में बमों का निशाना बनाये जाने बाद सुरषा विशेषज्ञों को इस द्वीपीय देश में जेहाद के नाम पर खूनी खेल शुरू होने का डर सताने लगा था यहां 1200 से ह्लयादा द्वीपों पर हर वक्त पुलिस की मौजूदगी लगभग असंभव थी ऐसे में आतंकवादी किसी द्वीप को अपने ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं ऐसा होने पर वे मालदीव की जमीन से भारत और यूरोप को निशाना बना सकते थे 1990 के शुरुआत से ही कइ कारणों से पाकिस्तान के मदरसांे में मालदीव के युवाओं की उपस्थिति में इजाफा होने लगा था पाकिस्तान के मदरसों में उन्हें सलाफी (जेहाद का रास्ता इख्तियार करने वाला इसलामी पंथ) रू़िढवादी धम की शिषा दी जाती मालदीव के पूवराष्ट­पति ममून अब्दुल गयूम की सरकार काविरोध करने वालों में इस धम की भाषा बोलने वालों की अधिकता थी पाकिस्तान के मदरसों में प्रशिषिात लोगों ने गयूम के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया शुरू में मालदीव के युवाओं को बहला फुसला कर और प़ढाइ का लालच देकर मदरसों के नेटवक के जरिये पाकिस्तान भेजा जाता था बाद में मालदीव के न्यू इसलामी आंदोलन को 'डॉटकॉॅम्स' के नाम से पुकारा गया यह नाम इसलिए क्योंकि इंटरनेट के जरिये धामिक सामग्रियों को वहां के युवाओं को उपलब्ध कराया जा रहा था

2004 के बाद तो इस नेटवक ने और जोर पकड़ लिया इसकी उपस्थिति समूचे द्वीप पर महसूस की जाने लगी लश्कर-ए-तैयबा चैरिटेबल विंग ने ब्रिटेन स्थित मोहम्म अल रिफे नाम की इस्लामिस्ट संस्था के साथ मिलकर सुनामी प्रभावित समुदायों की मदद के नाम पर हजारों डॉलर की राशि वितरित की थी संस्था ने लोगों को अरब वेशभूषा और मोहम्मद साहब के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया उनके प्रेरणा का लोगों पर प्रभाव भी पड़ा पुरुष अपनी दा़ढी और बाल ब़ढाने लगे और ढीला-ढाला कुता पायजामा पहनने लगे और अपने सर पर अरब स्टाइल साफा पहनने लगे वहीं महिलाएं बुका में नजर आने लगीं कइ लोगों ने मछली पकड़ने का पारंपरिक पेशा छोड़ कर बकरा पालने का काम करने लगे इसका एक पषा यह भी है कि इससे मालदीव से बकरे का नियात ब़ढा और सूखी मछली का नियात कम हो गया दिलचस्प यह भी है कि मालदीव का सबसे प्रसिद्ध पॉप स्टार अली रमीज ने सलाफिह्लम धम का चोला ओ़ढ लिया और पश्चिमी परिधानों और अपने गानों की सीडी को हिंद महासागर में फंेक दिया यह सब कुछ मालवदीव में बिना किसी रोकटोक के चलता रहा गयूम के शासन काल में इनकी ओर से आंखें मूंदने पर ही ह्लयादा जोर दिया गया

लेकिन 2007 में सुल्तान पाक में बम विस्फोट की घटना ने सुरषा बलों को कारवाइ करने पर विवश कर दिया सुरषा बलों में हिमांदो स्थित दर-उल-खैर को बंद करा दिया मसजिद में रहने वाला सलाफिस्ट धम गुरु इब्राहिम फरीद इस षोत्र में शरिया आधारित कानून चलाता था इसी तरह माले में चल रहे कइ अवैध मसजिदों को भी बंद कर दिया गया

2008 में सत्ता की बागडोर संभालने के बाद नशीद ने सलाफिस्ट समथकों के साथ समझौता का रास्ता अपनाया और सुरषाबलों की कारवाइयों पर रोक लगाने का आदेश दिया फरीद को जेल से रिहा कर दिया गया और उसने अपना उपदेश देने का काम फिर से शुरू कर दिया अन्य दो आरोपी जिन्हें सुल्तान पाक बम विस्फोट के लिए 15 वष की सजा सुनाइ गयी था, को भी माफ कर दिया गया लेकिन इस नीति में जल्द ही दरार नजर आने लगी 2006 में जलील नाम के एक शख्स को आतंकवाद का प्रचार करने के जुम में सजा दी गयी थी उसे उसे कोलंबो से दोहा जाने वाली एक विमान को पकड़ने से पहले गिरफ्तार किया गया था उसे भी नशीद के शासन काल में छोड़ दिया गया लेकिन रिहा होने के बाद जलील 2009 में अल कायदा के लाहौर स्थित आइएसआइ मुख्यालय पर आत्मघाती हमले में शामिल हुआ कुछ दिन पहले नौ मालदीवियों को पाकिस्तान के उत्तरी वजिस्तिान में आंतकवाद की ट­ेनिंग लेने लेने जाने के रास्ते में गिरफ्तार किया गयाथा

धामिक विश्वास और संघष

नशीद की सबसे बड़ी समस्या यह थी कि उनकीसहयोगी रही अदालत पाटी धामिक रू़िढवादी पाटी है गयूम को सत्ता से हटाने में इस पाटी का महत्वपूण योगदान रहा था 2008 के चुनावों से पहलेअदालत नेताओं ने गयूम द्वारा जारी एक विज्ञापन के खिलाफसुप्रीम कोट में एक याचिका दायर की जिसमें आरोप लगाया गया था कि इस विज्ञापन से यह अथ निकलता हैकि गयूम स्वंय को नास्तिक मानते हैं जबकि मिस्र के प्रसिद्ध अल अजहर मसरसे से शिषा लेने वाले गयूम धम की आड़ में ही दशकों तक अपनी सत्ता चला रहे थे मालदीव के संविधान के अनुसार जैसा कि गयूम ने लिखा, मालदीव के निवासी को इसलाम धम मानना होता था इससे असहमत होने वालों को धम के अनुसार सजा का हकदार बताया गया 2008 में समथन के बदले नशीद ने अदालत पाटी को इस्लामी मामलों के मंत्रालय का कायभार सौंपा और महिलाओं की सशक्तिकरण करने वाली योजनाओं को बंद कर दिया 2008 के बाद एक बार फिर मालदीव में सलाफी मत का उपदेश देनेवालों की संख्या ब़ढने लगी इस कमजोरी भरी नीति ने ही आखिरकार नशीद के सत्ता से हटने की गाथा लिखी और आज मालदीव पूरी तरह से इसलामी कट्टरपंथ के चंगुल में फंसता दिखाइ दे रहा है

आगे का रास्ता

मालदीव की परेशानियों की बड़ी वजहों में से एक बड़ी वजह यह है कि जहां यहां के पयटन उद्योग और सूखी मछली के नियात ने प्रतिव्यक्ति आय को 5000 हजार डॉलर तक और अथव्यवस्था की वृद्धि दर को 20 फीसदी तक ब़ढा दिया, वहीं इसने अपने साथ कइ सामाजिक समस्याओं को भी जन्म दिया 2002 के एक अध्ययन में यह बात सामने आयी कि प्रति एक हजार मालदीव दंपतियों में से 11 के बीच तलाक होता है, जबकि अमेरिका में यह आंकड़ा चार और तुकी में 05 है 92 देशों में किये गये इस अध्ययन में मालदीव सबसे ऊपर है आज हालात ये हैं कि पयटन और मछली व्यवसाय में काफी पैसा था, लेकिन युवाओं का इस ओर कोइ झुकाव नहीं था और वे काम नहीं करना चाहते थे दूसरी ओर यहां सरकारी नौकरी या निजी षोत्र में पयाप्त नौकरियों की कमी है यूनिसेफ ने 2009 में कहा था कि मालदीव में हेरोइन का प्रयोग अपने चरम पर है हाल के दिनों में हीरोइन का सेवन करने वालों की औसत आयु में गिरावट देखी जा रही है इन सामाजिक विरोधाभासों के बीच मालदीव चुपचाप अशांति की ओर खिसकता रहा, हालांकि दुनिया सिफ इसके खूबसूरत समुद्र और पयटन बीचों की ओर ही देखता रहा l
 

भारत के लिए क्या है चुनौती

 

केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से मात्र 300 किलोमीटर दूर मालदीव भारत के लिए अहुत ही अहम है भारत की समुद्र सुरषा में मालदीव की उल्लेखनीय भूमिका है भारत की हमेशा कोशिश रही है कि मालदीव भारत के सुरषा प्रभाव में रहे वहां पाकिस्तान लंबे अरसे से उग्रवादी असर ब़ढाने की कोशिश करता रहा है और चीन ने माले में हाल में अपना दूतावास खोलकर यह संकेत दिया था कि वह मालदीव के साथ आपने संबंध मजबूत करना चाहता है इसीलिए मालदीव की घटना पर भारत की कड़ी नजर है मालदीव के आसपास समुद्री डाकुओं से रषा के लिए भारतीय नौसेना ने हाल में वहां अपनी चौकसी ब़ढाइ है वहां हाल में चीन ने पयटन के नाम पर एक द्वीप किराए पर लेने की कोशिश की थी लेकिन यह मुमकिन नहीं हो सका मालदीव में भारतीय मूल के लगभग 30 हजार लोग रहते हैं वहां आम लोगों के बीच भारतीय लोकप्रिय हैं इसीलिए घटना के तुरंत बाद भारत ने वहां हालात काबू में करने में भूमिका निभायी भारत ने वहां के सभी राजनीतिक दलों के सलाह के बाद एक सवदलिय सरकार के गठन में भूमिका निभायी 1988 में ऑपरेशन कैक्टस के तहत भारतीय सेनाओं ने तत्कालीन राष्ट­पति ममून अब्दुल गयूम की सत्ता बचाइ थी इस बार ऐसी कोइ योजना नहीं है सांस्कृतिक, व्यापारिक और अंतरराष्ट­ीय षोत्रों में दोनों के बीच बहुत कुछ साझा है भारतीय समूह वहां दूसरा सबसे बड़ा समूह है भारत के हित में है कि माले में एक स्थिर, उदार और लोकतांत्रिक शासन हों और नयी दिल्ली के साथ उसके दोस्ताना संबंध हां l

मालदीव : कंट­ी प्रोफाइल

 

मालदीव द्वीप समूह, आधिकारिक तौर पर मालदीव गणराह्लय , हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप देश है, भारत के लषाद्वीप टापू की उत्तर-दषिाण दिशा में है यह लषाद्वीप सागर में स्थित है, श्री लंका की दषिाण-पश्चिमी दिशा से करीब सात सौ किलोमीटर पर स्थित है हिंद महासागर में छितराए द्वीपों से मिलकर बना है मालदीव 17वीं सदी में यह नीदरलैंड का संरषिात षोत्र था बाद में ब्रिटेन के अधीन आ गया 26 जुलाइ1965 में मालदीव को स्वतंत्रता मिला राष्ट­पति गयूम ने तीन दशक तक तानाशाही लेकिन स्थिर शासन दिया 2008 में पहला लोकतांत्रिक चुनाव हुआ सौ फीसदी इसलामिक देश मालदीव की आबादी करीब चार लाख है मालदीव में वतमान शासन अमेरिकी मॉडल पर आधारित है जिसके तहत राष्ट­पति के हटने के बाद उपराष्ट­पति स्वत: ही देश का प्रमुख बन जाता है मालदीव के प्रवाल द्वीप लगभग 90,000 वग किलोमीटर में फैला षोत्र सम्मिलित करते हैं, जो इसे दुनिया के सबसे पृथक देशों में से एक का निमाण करता है इसमें 1,192 टापू हैं, जिसमें से 200 पर बस्ती है मालदीव गणराह्लय की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है माले पारंपरिक रूप से यह राजा का द्वीप था, जहां से प्राचीन मालदीव राजकीय राजवंश शासन करते थे मालदीव जनसंख्या और षोत्र, दोनों ही प्रकार से एशिया का सबसे छोटा देश है समुद्र तल से ऊपर, एक औसत 15 मीटर (49 फुट) जमीनी स्तर के साथ यह ग्रह का सबसे लघुतम देश है यह दुनिया का सबसे लघुतम उच्चतम बिंदु वाला देश है यहां की भाषा धिवेही है इसकी जीडीपी प्रति व्यक्ति आय के अनुसार 4967 डॉलर है, इसकी मुद्रा मालदीवियन रुफिया है और मानव विकास सूचकांक में यह 95वें स्थान पर है मालदीव को अपने पयटन उद्योग के कारण दुनियाभर में जाना जाता है यहां के टूरिस्ट रिसॉट दुनिया के सबसे महंगे और मनपसंद रिसॉर्टो में शामिल हैं l



No comments:

Post a Comment