Satellite Image से शुरू हुई Pahalgam की साज़िश: आतंकवादी हमले और जासूसी के Cocktail की कहानी
Satellite Image से शुरू हुई Pahalgam की साज़िश: आतंकवादी हमले और जासूसी के Cocktail की कहानी
परिचय
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के पीछे एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। इस हमले की तैयारी कई महीनों पहले शुरू हुई थी, जिसमें उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल किया गया। पाकिस्तानी कंपनी बिजनेस सिस्टम्स इंटरनेशनल (BSI) ने अमेरिकी कंपनी मैक्स टेक्नोलॉजी से पहलगाम और आसपास के इलाकों की सैटेलाइट तस्वीरें खरीदी थीं, जिनका उपयोग हमले की योजना बनाने में किया गया। यह खुलासा भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चौंकाने वाला है और इससे पाकिस्तान की भूमिका एक बार फिर सामने आई है।
सैटेलाइट इमेज और आतंकवादी हमले की कड़ी
1. मैक्स टेक्नोलॉजी कंपनी की भूमिका
मैक्स टेक्नोलॉजी एक अमेरिकी कंपनी है जो दुनिया भर की सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों को सैटेलाइट इमेज उपलब्ध कराती है। इसके सदस्यों में भारत की ISRO और DRDO जैसी एजेंसियां भी शामिल हैं। कंपनी की खासियत यह है कि वह हाई-रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें प्रदान करती है, जिनका उपयोग सैन्य और रिसर्च उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
सैटेलाइट इमेज की कीमत:
सामान्य तस्वीरों के लिए एक निश्चित शुल्क लिया जाता है।
अगर ज़ूम इन करके अधिक स्पष्ट तस्वीर चाहिए, तो प्रति क्लिक 1 लाख रुपये तक का शुल्क लगता है।
2. पाकिस्तानी कंपनी BSI का संदिग्ध रोल
जून 2024 में, पाकिस्तान स्थित कंपनी बिजनेस सिस्टम्स इंटरनेशनल (BSI) ने मैक्स टेक्नोलॉजी की सदस्यता ली। इस कंपनी का मालिक ओबेदुल्लाह सईद है, जिस पर पहले भी अमेरिका से परमाणु हथियारों के लिए उपकरणों की तस्करी का आरोप लग चुका है।
BSI का पाकिस्तानी एजेंसियों से संबंध:
ओबेदुल्लाह सईद पर आरोप है कि वह ISI और पाकिस्तानी सेना के लिए काम करता है।
2024 में उसने मैक्स टेक्नोलॉजी से पहलगाम, पुलवामा, अनंतनाग और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरें मंगवाईं।
3. पहलगाम हमले की साजिश
तस्वीरों का उपयोग:
BSI ने जून 2024 से लेकर अप्रैल 2025 तक पहलगाम और आसपास के इलाकों की कई तस्वीरें खरीदीं।
12 अप्रैल 2025 को दो बार हाई-रिज़ॉल्यूशन इमेज मंगवाई गईं, और 10 दिन बाद (22 अप्रैल) पहलगाम हमला हुआ।
इन तस्वीरों में हमलावरों ने एंट्री और एग्जिट रूट्स, जंगलों और सुरक्षा बलों की तैनाती का अध्ययन किया।
हमले के बाद का सिलसिला:
हमले के बाद, भारतीय एजेंसियों ने जांच शुरू की और पाया कि BSI ने हमले से पहले ही पूरी योजना बना ली थी।
अब यह पता लगाया जा रहा है कि क्या पाकिस्तानी सेना और ISI का इस हमले में सीधा हाथ था।
ऑपरेशन सिंदूर और परमाणु तनाव
1. पाकिस्तान का परमाणु टेस्ट
6 मई 2025 की रात भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके बाद पाकिस्तान ने ड्रोन हमले किए।
10 मई को बलूचिस्तान के चागई हिल्स में 4 रिएक्टर स्केल का भूकंप आया, जहां 1998 में पाकिस्तान ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था।
संदेह है कि यह भूकंप पाकिस्तान के गुप्त परमाणु परीक्षण की वजह से आया।
2. अमेरिका का हस्तक्षेप और युद्धविराम
10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अगर यह युद्ध जारी रहता, तो यह परमाणु युद्ध में बदल सकता था।
हालांकि, 12 मई को फिर चागाई हिल्स में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे पता चलता है कि पाकिस्तान अभी भी परमाणु टेस्ट कर रहा है।
निष्कर्ष
पहलगाम हमले की साजिश सैटेलाइट तकनीक और जासूसी का एक जटिल नेटवर्क थी। पाकिस्तानी कंपनी BSI ने अमेरिकी सैटेलाइट इमेज का उपयोग करके हमले की योजना बनाई, जिसमें पाकिस्तानी सेना और ISI का संलिप्त होना संभावित है। इसके अलावा, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के परमाणु टेस्ट ने दुनिया को एक बड़े युद्ध के कगार पर पहुंचा दिया, लेकिन अमेरिका के हस्तक्षेप से युद्धविराम हो सका।
अब भारतीय एजेंसियां इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही हैं और जल्द ही और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

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