Tuesday, May 20, 2025

Jaishankar Explores Strategic Opportunities in Semiconductors, AI, and Green Hydrogen with the Netherlands

 

Jaishankar Explores Strategic Opportunities in Semiconductors, AI, and Green Hydrogen with the Netherlands

डॉ. एस. जयशंकर की नीदरलैंड्स यात्रा: सेमीकंडक्टर, AI और ग्रीन हाइड्रोजन पर नए अवसरों की खोज

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 19 से 20 मई 2025 के दौरान नीदरलैंड्स की दो दिवसीय यात्रा की, जिसने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा दी। इस यात्रा में व्यापार, रक्षा, तकनीकी नवाचार और जलवायु परिवर्तन जैसे विविध मुद्दों पर संवाद हुआ।


नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से मुलाकात

डॉ. जयशंकर ने नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री डिक शूफ और विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप से उच्चस्तरीय बैठकें कीं। इन बैठकों में भारत-नीदरलैंड्स संबंधों को और मजबूत बनाने पर विशेष जोर दिया गया।


रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाने की प्रतिबद्धता

दोनों पक्षों ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि भारत और नीदरलैंड्स के बीच रणनीतिक अभिसरण (strategic convergence) लगातार बढ़ रहा है। नियमित उच्चस्तरीय यात्राएं और संवाद इस रिश्ते को और गहरा बनाने में सहायक साबित हो रहे हैं।


सेमीकंडक्टर में सहयोग: डिजिटल भविष्य की नींव

आज के समय में सेमीकंडक्टर किसी भी देश की डिजिटल संप्रभुता की रीढ़ बन चुके हैं। भारत और नीदरलैंड्स ने इस क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान, निवेश और निर्माण (R&D and manufacturing) को प्रोत्साहन देने पर सहमति जताई।


AI यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता: नवाचार में साझेदारी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में सहयोग भारत के डिजिटल इंडिया अभियान और नीदरलैंड्स की तकनीकी विशेषज्ञता का संगम साबित हो सकता है। दोनों देशों ने AI आधारित हेल्थकेयर, कृषि और शिक्षा में मिलकर काम करने की संभावना जताई।


ग्रीन हाइड्रोजन: ऊर्जा के क्षेत्र में हरित क्रांति

ग्रीन हाइड्रोजन को दोनों देशों ने ऊर्जा संक्रमण (Energy Transition) का केंद्र बिंदु माना। जयशंकर और उनके डच समकक्ष ने इस क्षेत्र में संयुक्त परियोजनाओं और निवेश पर चर्चा की जो कार्बन न्यूट्रल भविष्य के लिए आवश्यक है।


विविध क्षेत्रों में बढ़ता सहयोग

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जल प्रबंधन, कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लगातार प्रगति हो रही है। संस्कृति और जन-जन के बीच संबंधों को भी और सुदृढ़ करने पर बल दिया गया।


रक्षा और सुरक्षा: विश्वास और तालमेल की नई मिसाल

डॉ. जयशंकर ने नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री रूबेन ब्रेकेलमैन्स से भी मुलाकात की। दोनों देशों ने साझा सैन्य अभ्यास, रक्षा तकनीक में सहयोग और समुद्री सुरक्षा पर संयुक्त काम करने पर सहमति व्यक्त की।


थिंक टैंक संवाद: बहुध्रुवीय दुनिया में भारत की भूमिका

जयशंकर ने नीदरलैंड्स के प्रमुख थिंक टैंकों और अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक विशेषज्ञों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि कैसे भारत और यूरोप "मल्टीपोलर वर्ल्ड" में सहयोगी और स्वतंत्र साझेदार बन सकते हैं।


भारतीय प्रवासी से मुलाकात: जुड़ाव का भावनात्मक पहलू

विदेश मंत्री ने नीदरलैंड्स में बसे भारतीय प्रवासियों से मुलाकात कर उनकी सांस्कृतिक विरासत और योगदान की सराहना की। प्रवासी भारतीयों के साथ यह संवाद भारत की "लोकल से ग्लोबल" दृष्टि को साकार करता है।


लगातार हो रही द्विपक्षीय यात्राएं: संबंधों में मजबूती का संकेत

यह यात्रा नीदरलैंड्स के विदेश मंत्री वेल्डकैंप की अप्रैल 2025 में भारत यात्रा के ठीक एक महीने बाद हुई, जो यह दर्शाता है कि दोनों देश नियमित संवाद के लिए प्रतिबद्ध हैं


यात्रा से क्या-क्या हासिल हुआ?

  • रणनीतिक साझेदारी में गहराई

  • उभरती तकनीकों में संयुक्त सहयोग

  • रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में नई संभावनाएं

  • जन-जन के स्तर पर जुड़ाव और समझ


भारत और यूरोपीय संघ: साझेदारी का नया अध्याय

नीदरलैंड्स के माध्यम से भारत यूरोपियन यूनियन (EU) से भी बेहतर तालमेल बना रहा है। दोनों पक्षों ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, क्लाइमेट एक्शन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।


विश्व मंच पर भारत और नीदरलैंड्स की समान सोच

दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि आज की वैश्विक राजनीति बहुध्रुवीय (multipolar) होती जा रही है, जहां हर राष्ट्र को अपनी रणनीतिक स्वायत्तता (strategic autonomy) बनाए रखनी चाहिए। इसी सोच को केंद्र में रखकर दोनों देश आगे बढ़ रहे हैं।


निष्कर्ष: विश्वास, नवाचार और साझेदारी की ओर

डॉ. एस. जयशंकर की नीदरलैंड्स यात्रा ने भारत के कूटनीतिक प्रयासों को नई ऊंचाई दी है। यह यात्रा सिर्फ राजनीतिक संवाद नहीं थी, बल्कि विश्वास, नवाचार और साझेदारी की दिशा में एक ठोस कदम थी।
सेमीकंडक्टर, AI और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे उभरते क्षेत्रों में मिलकर काम करने से दोनों देशों को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. डॉ. जयशंकर की नीदरलैंड्स यात्रा कब हुई थी?

यह यात्रा 19 से 20 मई 2025 के बीच हुई थी।

2. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या था?

रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना और सेमीकंडक्टर, AI, ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना।

3. किन डच नेताओं से मुलाकात हुई?

प्रधानमंत्री डिक शूफ, विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप और रक्षा मंत्री रूबेन ब्रेकेलमैन्स से।

4. क्या रक्षा क्षेत्र में कोई विशेष समझौता हुआ?

रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी, खासकर संयुक्त अभ्यास और रक्षा तकनीक में।

5. इस यात्रा से भारत को क्या लाभ हुआ?

कूटनीतिक रिश्ते मजबूत हुए, निवेश और तकनीकी सहयोग के नए रास्ते खुले और भारतीय प्रवासियों के साथ जुड़ाव बढ़ा।

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